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संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) में 8 वर्षीय एक भारतीय लड़की ने कोचलेअर इम्प्लांट की मदद से अपने जन्म के बाद पहली बार जमाने के शोर को सुना। नाफिया को सुन पाने में सक्षम बनाने के लिए यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल शारजाह(यूएचएस)में वरिष्ठ ऑडियोलॉजिस्ट मोहम्मद अयास ने पहली बार कोचलेअर इम्प्लांट का इस्तेमाल किया।

ईएनटी विभाग के प्रमुख अहमद मुुंजेर अल वा ने कहा,‘‘यूएचएस में पहली बार कोचलेअर इम्प्लांट किया गया लेकिन भविष्य में एेसे और आपरेशन किए जाएंगे क्योंकि एेसे बच्चों की संख्या बढ़ रही है जो जन्म से बधिर पैदा हो रहे हैं।’’अयास ने कहा,‘‘बच्ची के कान के अंदरूनी हिस्से में एक इलेक्ट्रोड लगाया गया है जिसके जरिए वह पहली बार कोई ध्वनि सुन पा रही है।कोचलेअर इम्प्लांट और एक विशेष साफ्टवेयर की मदद से धीरे-धीरे ध्वनि को सामान्य स्तर पर लाया गया।यह नाफिया को धीरे धीरे सभी तरह की आवाजें सुनने में मदद करेगा।

इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल डिवाइस कोचलेअर इम्प्लांट को उन लोगों के लिए बनाया गया है जो हियरिंग एड की सहायता से भी नहीं सुन सकते हैं।एक कोचलेयर इंप्लांट का खर्च करीब डेढ़ लाख दरहम आता है।

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