एम4पीन्यूज।

कई बार लोग जल जाते हैं तो उनके आपरेशन के बाद उनके शरीर की ही स्किन उस जगह पर लगा दी जाती है जिससे उनका वो हिस्सा लगभग एक जैसा दिखता है। ऐसे ही एक नॉर्थ ईस्ट रशिया में रहने वाली 36 साल की वेट्रेस मारिया इन्स कैन्डीडो जो बहुत बुरे तरीके से जल गयी है।

एक हादसे में जल गया शरीर, मछली की त्वचा से हुआ इलाज और फिर...
एक हादसे में जल गया शरीर, मछली की त्वचा से हुआ इलाज और फिर…

ब्राजील के रूसाज में एक रेस्टोरेंट में काम करते वक्त 36 वर्षीय वेट्रेस मारिया इन्स कैंडिडो गैस कुकर फटने से बुरी तरह से जल गई। मारिया उनके डॉक्टर ने एक वैक्लिपक इलाज के बारे में बताया। इलाज के बारे में जानने के बाद मारिया इसके लिए तैयार हो गई।

एक हादसे में जल गया शरीर, मछली की त्वचा से हुआ इलाज और फिर...
एक हादसे में जल गया शरीर, मछली की त्वचा से हुआ इलाज और फिर…

मारिया के मुताबिक, जलने के बाद वे दर्द से बुरी तरह बेहाल थी और दर्द कम करने के लिए कुछ भी कर सकती थी। उन्होंने बताया कि इस इलाज से वे बहुत खुश हैं और जले हुए रोगियों को ऐसा ही इलाज कराने की सलाह भी दी।

इलाज में डॉक्टरों ने उनके घाव पर मरहम लगाने की जगह उनके झुलसे हुए हिस्से पर मछली की चमड़ी से ड्रेसिंग करने का फैसला किया।

एक हादसे में जल गया शरीर, मछली की त्वचा से हुआ इलाज और फिर...
एक हादसे में जल गया शरीर, मछली की त्वचा से हुआ इलाज और फिर…

माना जा रहा है कि चिकित्सा के इतिहास में पहली बार है कि जले हुए रोगी के इलाज के लिए मछली की त्वचा का इस्तेमाल किया गया। 20 दिन के बाद फिर से उनकी ड्रेसिंग की गई। इस इलाज से उनकी स्किन में चमत्कारी सुधार हुआ।

एक हादसे में जल गया शरीर, मछली की त्वचा से हुआ इलाज और फिर...
एक हादसे में जल गया शरीर, मछली की त्वचा से हुआ इलाज और फिर…

डॉक्टर एडमर मासिल ने बताया कि टिलापिया नाम की मछली की चमड़ी में कोलाजन का स्तर बहुत अच्छा होता है साथ ही इसमें नमी भी अच्छी मात्रा में पाई जाती है, जिससे मछली की त्वचा को सूखने में लंबा समय लगता है। इससे घाव जल्दी भरता है। ये जली हुई त्वचा को जरूरी प्रोटीन भी मुहैया कराता है जो इंफेक्शन के खतरे को भी कम कर देता है।

By news

Truth says it all

Leave a Reply