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पुरुष प्रधान समाज के लिए एक और खुशखबरी है जनाब! एक नई रिसर्च आई है जिसमें ये बताया गया है कि गर्भधारण करने से पहले महिला का ब्लडप्रेशर इस बात पर असर डालता है कि होने वाला बच्चा लड़का होगा या लड़की. जी हां, रिपोर्ट के मुताबिक अगर प्रेग्नेंट होने से पहले महिला का ब्लडप्रेशर हाई रहा तो लड़का होने की उम्मीद ज्यादा है और अगर ब्लड प्रेशर कम रहा तो लड़की होने की उम्मीद ज्यादा है.

अगर B.P. बताएगा जेंडर, तो क्या होगा बिटिया का!
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रिसर्च टीम के एक सदस्य थे डॉक्टर रवि रत्नाकरण जो टोरंटो के माउंट सिनाई हॉस्पिटल में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट हैं. उनका कहना है कि इस फैक्टर का पता पहले नहीं चला था, लेकिन अब स्टडी से ये साफ हुआ है कि बीपी भी बच्चे के लिंग पर असर डालता है. ये स्टडी चीन में की गई थी और 1411 महिलाओं के सैम्पल लिए गए थे. उनका ब्लड प्रेशर, उम्र, शराब और सिगरेट के सेवन को नापा गया. इसी स्टडी का फल है ये रिपोर्ट. जिसके जरिये अब बेटे की चाहत रखने वालों की ख्वाहिश पूरी हो जाएगी।

अगर B.P. बताएगा जेंडर, तो क्या होगा बिटिया का!
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क्या होगा बिटिया का :
2011 की जनगणना में ये बात सामने आई थी कि 7 साल तक के बच्चों की तुलना में 71 लाख लड़कियां कम हैं. ये आंकड़ा 2001 में 60 लाख था और 1991 में 42 लाख. अब लिंग अनुपात 1000 लड़कों में 915 लड़कियों तक पहुंच चुका है जो 1961 से लेकर अब तक में सबसे कम है.

एक अन्य रिसर्च के मुताबिक लोग अपनी पहली संतान लड़की होने पर खुश होते हैं, लेकिन फिर भी चाहते हैं कि अगला तो लड़का ही हो. पिछले 10 सालों में 31 लाख से 60 लाख के बीच लड़कियों को कोख में ही मार दिया गया.

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