एम4पीन्यूज। कानपुर
कानपूर का एक मंदिर “भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर”। जिसे बनवाया है, पवन राणे वाल्मीकि ने। मंदिर निजी भूमि पर है जहां साधारण लोगों को आने की अनुमति है। लेकिन यहां वर्तमान व पूर्व IAS / PCS अधिकारीयों, जज, मजिस्ट्रेट, पूर्व व वर्तमान विधायक/सांसद एवं मंत्रियों का आना वर्जित है। अब सवाल उठता है ऐसा क्यो?
बाहर बोर्ड पर बड़े-बड़े शब्दों में लिखा है कि मंदिर में देश के भ्रष्ट जनप्रतिनिधि और भ्रष्ट नौकरशाहों का प्रवेश वर्जित है। अन्दर शनि भगवान के सामने देश के सभी भ्रष्ट मंत्रियो और नेताओं की तस्वीरें लगाई गईं हैं। सभी भक्तों की शनि देव से यही प्रार्थना होती है कि भ्रष्ट लोगों पर जल्द ही अपनी नजरें टेढ़ी करें और इनको सद्बुद्धि दें। मंदिर में शनि देव के साथ हनुमान जी एवं ब्रह्मा जी की मूर्तियाँ हैं।
क्योंकि देश की दुर्दशा के लिए इन्हें ही जिम्मेदार माना गया है। संस्थापकों का कहना है की 20 वर्षों बाद इस नियम पर पुनर्विचार किया जायेगा। मंदिर स्थापना का उद्देश्य यह है की भ्रष्ट शासकों को जनता भगवान की तरह देखने के बजाए, उन्हें तिरस्कृत करें और उनका बहिष्कार हो।
वर्तमान मंत्रियों की तस्वीर शनि देव की वक्र दृष्टि के सामने रखा गया है। जिससे अगर वे भ्रष्टाचार करें या जनविरोधी कानून बनाएं तो शनि देव उनका नाश कर दें। सर्वोच्च न्यायालय और इलाहबाद उच्च न्यायालय के जजों की भी तस्वीर लगी है कि वे अपने न्याय में किसी प्रकार की त्रुटि न करें। यहां प्रसाद चढ़ाना और फूल तोड़ कर अर्पित करना मना है।
सिर्फ लौंग, काली मिर्च और इलायांची चढ़ाया जा सकता है। लाऊड स्पीकर, घंटा व शोर करना मना है। मिटटी के दीये में सरसों तेल जलाया जा सकता है। शराब व तम्बाकू का सेवन करने वालों को भी अन्दर जाने की इज़ाज़त नहीं है।
ये है खासियत :
इस मंदिर की विशेषता यह है कि मंदिर के बीचों-बीच शनि देव की तीन मूर्तिया एक दूसरे की तरफ पीठ कर के लगी हैं। इस तरह एक शनि देव की दृष्टि पूरी संसद, राज्य सभा और वर्तमान नेताओं की फोटुओं पर पड़ रही है , फिर वो चाहे मनमोहन सिंह, सोनिया गाँधी या राहुल गाँधी ही क्यों ना हों या फिर मौजूदा समय देश के प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी’
इसी तरह दुसरे शनि देव की दृष्टि , सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और न्यायाधीशों की फोटुओं पर पड़ रही है। और तीसरी मूर्ती की द्रष्टि के बारे में जान कर आपको आश्चर्य होगा की शनि देव की पूर्ण द्रष्टि “ब्रह्मा जी” पर भी पड़ रही है कारण यह कि उन्हीं के द्वारा इस तरह की श्रष्टि की रचना की गयी है जिसमें इतने भ्रष्ट लोग पैदा हो गए। यानी अब ब्रह्मा जी भी सम्हाल जाएं और भ्रष्ट लोगों को ना पैदा करें।
मजेदार बात तो यह है कि इस मंदिर में अब लोगों की आस्था भी बढ़ने लगी है और जो लोग अपने को हर तरफ से निराश और हताश पाते हैं वो यहां आ कर शनि देव से न्याय के लिए अर्जी लगाते हैं।