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पंजाब की इस समय लंबी सीट सबसे हॉट बनी हुई है। 1997 से लगातार इस सीट पर जीत दर्ज कर रहे प्रकाश सिंह बादल पांच बार राज्य के चीफ मिनिस्टर रह चुके हैं। उनकी जिंदगी का यह पहला ऐसा चुनाव है जो इस बार काफी मुश्किलों से भरा है।

 

ये हैं मुद्दे :
इस सीट पर डेवलपमेंट कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन अकाली दल के हलका इंचार्जों की ज्यादतियां सबसे बड़ा मुद्दा है। खासतौर पर दयाल सिंह कोलियांवाली और तेजिंदर सिंह मिड्‌डूखेड़ा को लेकर लोगों में नफरत का माहौल बना हुआ है। विभिन्न योजनाओं में मिलने वाले पैसे लाभपात्रियों तक न पहुंचना भी बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर बादल काफी डिफेंसिव नजर आ रहे हैं।

 

जलालाबाद: डिप्टी सीएम, स्टार कैंपेनर और युवा चेहरे के बीच का दंगल, राय सिख वोट पर नजर
राय सिख बाहुल इस सीट पर भी मुकाबला बहुत रोचक है। डिप्टी सीएम सुखबीर बादल, आम आदमी पार्टी के भगवंत मान और कांग्रेस के रवनीत बिट्‌टू की लड़ाई ने इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प कर दिया है। राय सिख जाति के वोटर्स पर तीनों पार्टियों की नजर है।

 

बेरोजगारी सबसे बड़ी नाराजगी :
डेवलपमेंट का मुद्दा इस सीट पर भी दिखाई नहीं दे रहा है। युवाओं को नौकरियां न मिलना, राय सिख बिरादरी के नेता अकाली सांसद शेर सिंह घुबाया को नाराज करना सुखबीर बादल को काफी महंगा पड़ सकता है। बाॅर्डर बेल्ट में कोई बड़ी इंडस्ट्री न होना भी बेरोजगारी को बढ़ा रहा है। भगवंत मान और रवनीत बिट्‌टू को युवा वर्ग से है बड़ी आस।

 

मजीठा: मजीठिया का दबंग होना, विरोधियों पर केस दर्ज कराना ही सबसे बड़े मुद्दे
बिक्रम मजीठिया के कारण ही यह सीट हाॅट है। अकाली भाजपा सरकार में सबसे दबंग नेता। यही उनके पक्ष में भी है और विरोध में भी। हलके में उनके नाम की पूरी दहशत है। लोग सार्वजनिक तौर पर उनकी मुखालफत करने की जुर्रत नहीं करते। अंडर करंट बहुत ज्यादा। पार्टी के स्टार प्रचारक हैं लेकिन अपनी ही सीट में फंसकर रह गए।

 

जनता में बेअदबी और नशे का गुस्सा :
बिक्रम ने मजीठा हलके को संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बहुत से लोग इसीलिए उनके कायल हैं। लेकिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, नशीले पदार्थों की तस्करी में उनका नाम, अपने विरोधियों पर बेहिसाब केस दर्ज करवाने के मुद्दे काफी हावी हैं। विरोधी पार्टियों ने इसे ही न केवल इस हलके में बल्कि पंजाब भर में मुख्य मुद्दा बना रखा है।
अमृतसर (ई): डेवलपमेंट सबसे बड़ा मुद्दा, सिद्धू के कारण बनी हॉट सीट
हलके का सबसे बड़ा मुद्दा डेवलपमेंट है। अकाली-भाजपा सरकार में सीपीएस रहीं यहां की विधायक नवजोत कौर सिद्धू अपने पूरे पांच साल इसी बात को लेकर जूझती रहीं और आखिर में पार्टी को अलविदा कह गईं। बेरोजगारी भी इस सीट का सबसे बड़ा मुद्दा है। अमृतसर की इंडस्ट्री को पूरे दस साल में रिवाइव न करना भी अकाली-भाजपा के खिलाफ जा रहा है। वैसे यह सीट केवल नवजोत सिंह सिद्धू के कारण ही हॉट बनी रही।
लहरागागा: भट्‌ठल को पहली बार ढींडसा और आप से इतनी कड़ी टक्कर
वित्तमंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा और कांग्रेसी बीबी राजिंदर कौर भट्‌ठल के बीच मुकाबला। आम आदमी पार्टी के नेता जसबीर कुदनी तीसरा कोण बन रहे हैं। इस सीट पर डेरा सच्चा सौदा का भी काफी प्रभाव है।

 

हलके के मुद्दे:

हरियाणा की सीमा के साथ लगने वाली इस सीट से ही किसानों की आत्महत्याओं की शुरूआत हुई थी और 2000 से लेकर 2010 के बीच सबसे ज्यादा मौतें इसी हलके में हुई हैं। किसानों की आत्महत्या का मुद्दा आज भी ज्यों का त्यों है। पीने वाले पानी कमी है। घग्गर नदी की मार सबसे अधिक इसी इलाके पर है।

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