एम4पीन्यूज।चंडीगढ़

ली कार्बूजिए ने चंडीगढ़ को एक साइकिल सिटी के रूप में प्लान किया था। अब प्रशासन इसी पहलू पर फोकस कर रहा है। चंडीगढ़ को साइकिल सिटी के रूप में प्रमोट किया जा रहा है। इसके लिए शहर में 17 करोड़ रुपए की लागत से 90 किलोमीटर साइकिल ट्रैक तैयार किए जा रहे हैं एक साल में शहर में यह साइकिल ट्रैक तैयार कर दिए जाएंगे। साइक्लिंग को सेफ कैसे बनाया जाए इस पर प्रशासन का फोकस है।

प्रशासन ने बजट में साइकिल ट्रैक के लिए स्पेशल प्रोविजन किया है। न केवल पुराने ट्रैक को दुरूस्त किया जा रहा है बल्कि उन एरिया में नए ट्रैक तैयार किए जा रहे है जहां साइकिल ट्रैक नहीं है। इसके अलावा शहर की हर प्राइम लोकेशन पर साइकिल किराये पर मिलेंगी। बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन, सुखना लेक से लेकर राक गार्डन और कैपिटल कॉम्प्लेक्स तक साइकिल रेंट पर मिलेंगी। कोई भी व्यक्ति एक स्थान से साइकिल लेकर दूसरे स्थान पर ड्राप कर सकता है। साइकिल टूरिज्म के लिए प्रशासन ने कंपनियों से टेंडर आमंत्रित करवाए हैं। शहर के विभिन्न स्थानों पर 500 से अधिक साइकिल रखी जाएंगी।

सेफ साइक्लिंग पर जोर :
शहर की सड़कों पर ट्रैफिक का बोझ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में साइकिल सवारों की जिंदगी का रिस्क बना रहता है। प्रशासन का जोर इस बात पर है कि साइक्लिंग को सेफ कैसे बनाया जाए।

सिटको को फीका रिस्पॉन्स :
सुखना लेक पर सिटको ने टूरिस्टों के लिए 8 साइकिलें रखी हुई हैं। कोई भी टूरिस्ट इन्हें किराए पर लेकर चला सकता है। पहचान पत्र को सिक्योरिटी के रूप में जमा कराना पड़ता है। महीने में एक-दो टूरिस्ट ही इस सुविधा का लाभ उठाते हैं।

कई जगह नहीं रहे ट्रैक :
शहर की कई सड़कों के साथ पहले से ही साइकिल ट्रैक बने हुए हैं, लेकिन देखरेख के अभाव में यह लुप्त हो गए हैं। पहले एमसी इन साइकिल ट्रैक की देखरेख कर रही थी।

शहर में साइकिल स्टैंड नहीं :
ली कार्बूजिए ने शहर के व्यस्त बाजारों और आॅफिसों में साइकिल स्टैंड की व्यवस्था भी की थी। अब इनकी जगह कार और स्कूटर स्टैंड ने ले ली है। साइकिल खड़ी करने के लिए जगह नहीं है।

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