एम4पीन्यूज|चंडीगढ़
सुप्रीम कोर्ट के नेशनल हाइवे के नजदीक शराब के ठेकों पर पाबंदी लगने के बाद ठेकों के लिए टेंडर भरने की ओर इस बार ठेकेदारों का ज़्यादा रुझान नहीं दिखा। शहर के 77 शराब ठेकों में से मंगलवार को महज 53 ठेकों के लिए ही टेंडर भरे गए। पहली बार ठेकों की नीलामी में इतने कम आवेदन दर्ज किए गए। शराबबंदी के कारण इस बार ठेकों की नीलामी में शराब कारोबारियों का रुझान कम देखने को मिला।
लेकिन बावजूद इसके बुधवार को चंडीगढ़ में 2017-18 के लिए शराब के ठेकों के लिए होने वाली नीलामी में शराब का एक ठेका 9 करोड़ 50 लाख में बिका। हाइवे के नजदीक शराब के ठेकों पर पाबंदी लगने के के बाद ये पहले मौका था कि इतनी महंगी बोली लगी। इतना प्रॉइज पहले कभी नहीं मिला। सेक्टर-42 का ठेका साढ़े 9 करोड़ में, जबकि सेक्टर-30 का ठेका 5.5 करोड़ में बिका।
जितनी पॉपुलेशन है, शराब का कोटा भी साल का उतना ही हो :
चंडीगढ़ की जितनी पॉपुलेशन है, अब हमारा शराब का कोटा भी साल का उतना ही हो गया है। इस साल 11 लाख पेटियों (इंडियन मेड फॉरेन लिकर, व्हिस्की) का कोटा चंडीगढ़ का रखा गया है। जबकि हमारी पॉपुलेशन भी 10.55 लाख की है। यानी चंडीगढ़ के पर पर्सन एक पेटी पूरे साल के लिए। दूसरी तरफ देखें तो फाइनेंशियल ईयर 2016-2017 में जितनी शराब 99 शराब के ठेकों ने पिलाई उससे ज्यादा इस बार जो 77 ठेके खुलेंगे वो पिलाएंगे।
हालांकि, इस साल 88 रेस्टोरेंट्स होटल और बार में शराब सर्व नहीं होगी और 22 ठेके परमानेंट बंद हो गए लेकिन शराब फिर भी ज्यादा बिकने के लिए पूरा इंतजाम प्रशासन ने कर दिया है। पिछले साल और इस साल को चंडीगढ़ के शराब के कोटे (इंडियन मेड फॉरेन लिकर) में 1 लाख पेटी का फर्क है। यानि पिछले साल जितना कोटा रखा गया था उससे १ लाख पेटी शराब की ज्यादा बिकने के लिए रखी गई है। ये सिर्फ इसलिए कि जिन ठेकों को बंद किया गया है या फिर बार में लिकर सर्व करने पर पाबंदी लगाई गई है उनसे आने वाले रेवेन्यू की भरपाई हो सके।