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हाल ही में अपने मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाने की बर्बादी ना करने की अपील की थी. अब उनकी सरकार इस अपील को हकीकत बनाने जा रही है. केंद्र सरकार जल्द ही एक नियम बना सकती है कि जिसमें यह तय होगा कि होटल/रेस्तरां में थाली में कितना खाना परोसा जाएगा. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के अनुसार मंत्रालय इस नियम पर काम कर रहा है.

इस कदम की दो वजह
सरकार यह कदम दो वजहों से उठा रही है. पहला होटलों में खाने की होने वाली बर्बादी को बचाने और दूसरा लोग जीतना खायें उतने का ही पैसा चुका सकें. नियम के आने के बाद सभी होटलों के मेन्यू में खाने की मात्रा लिखना अनिवार्य होगा. हालांकि नियम को बनाने से पहले देशभर में इसको लेकर सर्वे होगा. केंद्रीय मंत्री के अनुसार यह नियम छोटे होटलों और ढाबों पर लागू नहीं होगा.

खाने की बचत के कारण एक्शन
रामविलास पासवान ने कहा कि सामान्य तौर पर सभी की खाने की मात्रा लगभग बराबर होती है, कोई चावल अधिक खाता है तो कोई रोटी. खाने की बचत और पैसों की बचत के लिए हम इस प्रकार का एक्शन ले रहे हैं, अगर कोई खाना ज्यादा खाना चाहता है तो दोबारा ऑर्डर कर सकता है. लेकिन पहले ज्यादा मांगकर खाना खराब होने का कोई फायदा नहीं है. पासवान बोले कि अगर कोई होटल में हाफ प्लेट खाने की मांग करता है, तो उसे उसके हिसाब से ही पैसे लेने चाहिए.

ढाबे पर कोई असर नहीं
होटल इंडस्ट्री के सवालों पर उन्होंने कहा कि हम यह नियम खुद तय नहीं करेंगे, सभी से सलाह के बाद इसकी मात्रा तय करेंगे. हम विश्वास दिलाते हैं इससे इंडस्ट्री पर कोई असर नहीं होगा. पासवान बोले कि इस नियम के अंतर्गत छोटे होटल या ढाबे नहीं आयेंगे.गौरतलब है कि अगर खाने की बर्बादी को रोकने के लिये सरकार इस प्रकार के कदम को उठा रही है, तो सभी को साथ आकर इसपर फैसला लेना होगा.

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