एम4पीन्यूज।चंडीगढ़
पंजाब के सरकारी स्कूलों में महिला अध्यापकों के जीनस और टॉप पहननेे की पाबंदी लगाने के बाद शिक्षा मंत्री अरुना चौधरी ने दो आधिकारियों को सस्पैंड कर दिया है। ड्रैस कोड वाला फरमान इन अफसरों की तरफ से ही जारी किया गया था।
मीडिया में यह मामला आने के बाद शिक्षा मंत्री ने विभाग के डिप्टी डायरैक्टर अमरीश शुक्ला और सहायक डायरैक्टर अमरबीर सिंह को सस्पैंड कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह पिछड़ी मानसिकता का फैसला है। खुलासा करते हुए मैडम चौधरी ने कहा कि उन्हें बिना बताए यह आर्डर जारी किया गया था इसलिए जांच की जा रही है कि यह क्यों जारी हुआ?
शिक्षा मंत्री ने कहा कि लड़कियों को आगे बढ़ाना जरूरी है। कपड़े के प्रति मानसिकता बदलने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में अकाली सरकार समय यह आर्डर जारी हुआ था लेकिन अब एेसा नहीं होगा।
मालूम हो कि शिक्षा विभाग ने बकायदा फरमान जारी कर राज्यके स्कूल शिक्षा विभाग ने पंजाब की महिला अध्यापिकाओं के स्कूल में जींस टॉप टी शर्ट पहनकर आने पर पाबंदी लगा दी थी। बोर्ड जल्द ही राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के टीचरों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की योजना बना रहा था। सोमवार बोर्ड के सहायक डायरेक्टर की ओर से इस संबंधी सभी सर्कल शिक्षा अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज निर्देश जारी कर दिए कि वह समय समय पर स्कूलों में चेकिंग कर अध्यापकों के लिए माडल ड्रेस कोड यकीनी बनवाएं।
पंजाब शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अमरीश शुक्ला ने सभी सीईओ व डीईओ को लिखे पत्र में बताया कि शिक्षा विभाग के पास टीचर्स यूनियन, एनजीओ व अभिभावकों की ओर से कई शिकायतें मिल रही हैं। कई स्कूलों में महिला अध्यापिकाएं जींस टॉप व टीशर्ट पहनकर आती हैं। ऐसे पहरावे से विद्यार्थियों की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।