-सरकार के दावे के उलट RBI की रिपोर्ट

एम4पीन्यूज। 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ताजा जानकारी देते हुए बताया कि सेंट्रल बोर्ड ने 2000 रुपये के नए नोट छापने की मंजूरी पिछले साल के मई महीने में ही दे दी थी. लेकिन इसके साथ यह भी कहा कि 500 और 1000 के रुपये के नोट बंद करने को लेकर किसी भी तरह की चर्ची नहीं हुई थी.

 

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के द्वारा डाले गए आरटीआई का जवाब देते हुए आरबीआई ने कहा कि सेंट्रल बोर्ड ने 2000 के नए नोट छापने की मंजूरी 19 मई 2016 को दी थी.

 

आरटीआई के जवाब में कहा गया कि मई 2016 में बोर्ड मीटिंग के दौरान 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद किए जाने को लेकर किसी भी तरह की चर्चा नहीं की गई थी और ना ही 7 जुलाई और 11 अगस्त को हुए बोर्ड मीटिंग में इसको लेकर कोई बातचीत की गई थी. रिजर्व बैंक ने बताया कि जब 2000 रुपये के नए नोट छापने पर सहमति बनी तब रघुराम राजन रिजर्व बैंक के गवर्नर थे.

 

आरबीआई से पूछे गए एक अन्य सवाल में कि क्या रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड को सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद करने संबंध में कोई भी प्रस्ताव भेजा गया था, इसके जवाब में आरबीआई ने बताया कि 8 नवंबर 2016 को हुई मीटिंग में आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ने 500 और 1000 रुपए के नोट को लीगल टेंडर से हटाने के प्रस्ताव की सिफारिश की थी. लेकिन इसके साथ ही आरबीआई ने 8 नवंबर की मिनट ऑफ द् मीटिंग की जानकारी देने से इनकार कर दिया.

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