एम4पीन्यूज।
बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव के लिए राहें अलग करने वाली शिवसेना और बीजेपी ऐसे मोड़ पर पहुंच गई हैं, जहां एक-दूसरे के साथ के बिना उनके लिए निगम पर काबिज होना मुश्किल होगा। दोनों को नगर निगम पर काबिज होने के लिए या तो आपस में या फिर अपनी कट्टर विरोधी कांग्रेस से हाथ मिलाना होगा। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।
देश की सबसे अमीर नगरपालिका पर शिवसेना का दबदबा कायम है. 227 सीटों में से 226 सीटों के नतीजे आ गए हैं. 84 सीटों के साथ शिवसेना ने मुंबई के गढ़ को बचाने में कामयाबी हासिल की है. वहीं, बीजेपी के खाते में 81 सीटें आई हैं. कांग्रेस को महज 30 सीटें मिली हैं. नतीजों को देखते हुए कांग्रेस की मुंबई इकाई के अध्यक्ष संजय निरुपम ने इस्तीफा दे दिया है. उनकी पार्टी के नेता नारायण राणे ने हार का ठीकरा संजय निरुपम के सिर फोड़ा था. वहीं, शुरुआती बढ़त पर शिवसेना खेमे में जश्न का माहौल था .
पकंजा मुंडे ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
वहीं महाराष्ट्र सरकार में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री और भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने परली की 10 में से आठ सीटों पर मिली शिकस्त की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि बीड में हुई पार्टी की हार की मैं जिम्मेदारी लेते हुए अपने मंत्री के पद से इस्तीफा देती हूं।
संजय निरूपम ने दिया इस्तीफा
बीएमसी चुनाव में कांग्रेस के निराशाजक प्रदर्शन के बाद मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। संजय निरुपम ने कहा कि मैं जनता के फैसले को स्वीकार करता हूं। मैं पार्टी के लिए लगातार काम करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टी के बड़े नेता लगातार पार्टी के काम और मेरे बारे में बयान देते रहे। यह उनके पार्टी विरोधी प्रचार का ही नतीजा है।
बता दें कि 227 सीटों वाली बीएमसी में जादुई आंकड़ा 114 का है। इस तरह अब शिवसेना और बीजेपी के लिए अपनी धुर विरोधी कांग्रेस के साथ के बिना मुंबई नगर निगम पर काबिल होना असंभव है। बता दें कि बहुमत के लिए आंकड़े के लिए दोनों को 30 से ज्यादा सीटें चाहिए होंगी।