एम4पीन्यूज।चंडीगढ़

शादी के 10 साल बाद पति पत्नी के बीच अनबन रहने लगी तो दोनों ने अलग होने का फैसला किया। पति ने अदालत में तलाक का केस दायर किया। मामला में दोनों पक्षों के बीच अंतिम बहस भी हो गई थी। बीएस इंतज़ार था तो फैसले का। लेकिन इस बीच दोनों पक्ष आखिरी सुलह की आस लेकर शनिवार को लोक अदालत पहुंचे। यहां अदालत ने पति-पत्नी की काउंसलिंग की। इस दौरान दोनों के बीच मामूली बातों को लेकर विवाद थे, जो काउंसलिंग के दौरान सुलझ गए। सेक्टर-15 का यह जोड़ा वर्षों के विवाद को दरकिनार कर एक हो गया और दोनों खुशी-खुशी अपने घर चले गए।

करोड़ों का प्रॉपर्टी विवाद मिनटों में सुलझा
लोक अदालत में एक करोड़ रुपए से अधिक कीमत की प्रॉपर्टी सेल का विवाद कुछ ही देर में सुलझा लिया गया। विवाद एनआरआई अजय पाल और राजबीर सिंह के बीच था। एनआरआई विवाद सुलझाने के लिए खासतौर पर विदेश से आए थे। विवाद की रकम 1,07,00,000 रुपए थी। एसीजेएम की अदालत में दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति से विवाद सुलझाया गया। पार्टी ने कुछ रकम अदा कर दी। साथ ही बाकी रकम एक माह में अदा करने पर सहमति बनी। इसी तरह अन्य दो पक्षों अजय वाधवा और जतिंदर कुमार के बीच 54,000,00 रुपए में समझौता कराया गया।

बच्चे की बात आई तो भावुक हो गए पति-पत्नी

एक अन्य मामले में 2000 में एक जोड़े की शादी हुई। शादी के बाद उनका एक बच्चा भी हो गया। बच्चा 12 साल का हो गया । इस बीच दोनों के बीच विवाद हो गया। मामला तलाक तक पहुंच गया। पत्नी ने पिछले साल 2016 में अदालत में तलाक का केस दायर कर दिया। स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी चंडीगढ़ के मेंबर सेक्रेटरी महाबीर सिंह ने बताया कि अदालत ने उन दोनों पक्षों को समझाया कि आपका 12 साल का बच्चा है। अलग होकर आप अपने भविष्य के साथ-साथ उसका भविष्य क्यों खराब कर रहे हो। इस पर पति-पत्नी भावुक हो उठे और एक साथ घर जाने को तैयार हो गए।

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