-महाराष्ट्र में निकायों के लिए जंग, बॉलीवुड-राजनीति के दिग्गजों ने डाले वोट

एम4पीन्यूज।मुम्बई 

आज बीएमसी की 227 सीटों समेत 10 महानगरपालिकाओं के लिए वोट डाले जा रहे हैं. सुबह-सवेरे से ही बॉलीवुड और राजनीति की दुनिया के कई बड़े दिग्गज अपना वोट डालने के लिए पोलिंग बूथों की कतार में देखे गए. बीएमसी चुनाव इसलिए अहम है, क्योंकि इसकी तुलना विधानसभा और लोकसभा चुनावों से की जाती है. 20 सालों से बीएमसी पर एक साथ राज कर रही शिवसेना और बीजेपी इस बार अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं.

बड़े-बड़े नेताओं की इज्ज़त दांव पर :
चुनाव महानगरपालिका का है लेकिन बड़े-बड़े नेताओं की इज्ज़त दांव पर लगायी जा रही है. क्योंकि, ये 37 हज़ार करोड़ रूपए वाली मुंबई महानगरपालिका है. जी हां देश की सबसे अमीर महानगरपालिका यानि बीएमसी में आज चुनाव है. कहने को ये स्थानीय निकाय के चुनाव हैं लेकिन देश की सभी बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों की इज्जत दांव पर लगी है.

बीएमसी का ये चुनाव विधानसभा चुनाव का ट्रेलर :
कहा तो ये भी जा रहा है कि बीएमसी का ये चुनाव विधानसभा चुनाव का ट्रेलर है. 227 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. करीब 2275 उम्मीदवार अपनी किस्मत इसमें आज़मा रहे हैं. 91.8 लाख वोटर इन सभी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे, 2012 में करीब 44 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे.

बीजेपी-शिवसेना गठबंधन टूटने के बाद पहला चुनाव :
पिछले 20 सालों से बीएमसी पर शिवसेना और बीजेपी गठबंधन का कब्ज़ा था. लेकिन, इस बार हालात बदल गए हैं. बीजेपी और शिवसेना अलग हो चुके हैं और दोनों पार्टियां एक-दूसरे के नेताओं को देखना नहीं चाहती. दरअसल बीजेपी 2014 में हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मिली कामयाबी से उत्साहित है, और उसे लगता है कि बीएमसी में भी उसकी हिस्सेदारी बढ़े.

वोटिंग को बढ़ाना देने के लिए अनोखी पहल :
पुणे में वोटिंग को बढ़ावा देने के लिए रेस्टरॉंट और कार की धुलाई में 10 से 15 फीसदी छूट का एलान किया गया. नागपुर में भी सरकारी कर्मचारी सफल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं.

40 हजार पुलिसकर्मी और अधिकारियों की फौज लगायी गयी है :
करीब 40 हजार पुलिसकर्मी और अधिकारियों की फौज लगायी गयी है, एफआरपी की 35 कंपनियां, रायट कंट्रोल पुलिस की 10 टुकडियां और क्यूआरटी की 7 टुकड़ियों की तैनाती की गयी है. चुनाव के लिए मुंबई पुलिस ने एहतियात के सारे कदम उठा लिए है. कुल मिलाकर बीएमसी एक बार फिर तैयार है, देखना ये है कि बीजेपी से अलग होकर भी शिवसेना का दबदबा कायम रहता है, या बीजेपी विधानसभा और लोकसभा की तरह बीएमसी में भी अपनी धाक जमा लेगी.

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