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हिंदू महासभा की महासचिव पूजा शकुन पाण्डेय ने तीन तलाक या फिर ‘निकाह हलाला’ प्रथा की शिकार हुईं मुस्लिम महिलाओं से अपील की है कि अगर उन्हें अपने लिए न्याय चाहिए, तो वे हिंदू बन जाएं। पूजा ने कहा, ‘अगर हमारी सरकार और हमारा कानून आपको न्याय नहीं दे पा रहा है, तो हम आपको न्याय दिलाएंगे।’ पूजा ने मुस्लिम नारी उत्थान यज्ञ की समाप्ति के मौके पर यह बात कही। इस समारोह में कार्यकर्ताओं ने तीन तलाक से लड़ने की प्रतिज्ञा की। मुस्लिम महिलाओं के प्रति अपनी सद्भावना का यकीन दिलाते हुए पूजा ने कहा कि वह इन हादसों का शिकार हुई महिलाओं के साथ अपनी बेटी सरीखा बर्ताव करेंगी और उन्हें सम्मान दिलाएंगी।

पूजा ने आगे कहा कि वे इस तरह की सभी पीड़ित महिलाओं की ना केवल दोबारा शादी कराएंगी, बल्कि खुद उनका कन्यादान भी करेंगी। पूजा शकुम पाण्डेय की अपील का विरोध करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शीरिन मसरूर ने कहा कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना सही नहीं है। शीरिन ने कहा, ‘अगर वे (हिंदू महासभा) सचमुच कुछ मदद करना चाहते हैं, तो पीड़ित महिलाओं की बात सुनें, उन्हें सुझाव दें, शिक्षा दें और उनका आत्मविश्वास बढ़ाकर उन्हें आत्मनिर्भर होने लायक बनाएं।’ शीरिन ने कहा कि तीन तलाक का समाधान खोजना इतना आसान नहीं है।

सामाजिक कार्यकर्ता मारिया आलम ने पूजा शकुन पाण्डेय की अपील का जबाव देते हुए कहा कि इस तरह के समाधान का सुझाव देने से पहले इस तरह के ‘हिंदू तरफदारों’ को चाहिए कि वे पहले दहेज, कन्या भ्रूण हत्या और हिंदू धर्म की महिलाओं के साथ होने वाले शारीरिक शोषण को खत्म करं। आलम ने कहा, ‘हम पिछले कई साल से तीन तलाक की प्रथा के खिलाफ लड़ रहे हैं और न्याय पाने का अपना यह संघर्ष हम जारी रखेंगे।’ पूजा के बयान की आलोचना करते हुए आलम ने आगे कहा, ‘दहेज और शारीरिक शोषण की शिकार हुई हिंदू महिलाओं से भी हम अपने संघर्ष में शामिल हो जाने की अपील करते हैं और उन्हें इस्लाम अपना लेने के लिए आमंत्रित करते हैं। अगर धर्म परिवर्तन इस समस्या का हल है, तो बहुत पहले ही महिलाएं ऐसा करना शुरू कर चुकी होतीं।’

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