ये है राज
असल में एक हजार रुपए के नोट का “भगवाकरण” करने की कोशिश की जा रही थी यानी एक हजार रुपए का नोट “केसरिया रंग” में उतारा जाना था। लेकिन स्याही के न मिलने और विपक्ष व देश से इतनी नाकारत्मकता अाते देख बीजेपी के अालाअधिकारियों ने इस सोच को फिलहाल के लिए डिब्बे में बंद कर दिया। और एक हजार का नया नोट की छपाई पर रोक लगा दी। बीजेपी व आरएसएस के उच्च सूत्रों की मानें तो पहले दो हजार रुपए का नोट उतारने के पीछे भी एक हजार रुपए के भगवाकरण ही कारण है क्योंकि नोट बंदी के बाद दो हजार रुपए के नोट के छुट्टे मिलना मुशिकल है जिसपर देश में अार्थिक असि्थरता अाएगी और लोगों का ध्यान एक हजार रुपए के रंग पर जाएगा ही नहीं, लेकिन हाल फिलहाल सि्थितयों को समझते हुए बीजेपी व आरएसएस ने एेसा न करने का फैसला लिया, क्योंकि अगर एेसा हुआ तो सरकार को इसके और विपरित अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं। #ASARCASMBYMEDIA4PILLAR
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