एम4पीन्यूज।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप केस में फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के चारों गुनहगारों की फांसी की सजा बरकरार रखी है. सुप्रीम कोर्ट निर्भया गैंगरेप को ‘सुनामी ऑफ शॉक’ करार दिया. कोर्ट ने पुलिस के सभी सबूतों को माना और कहा कि घटना को सुनते हुए लगता है कि ये किसी दूसरे ग्रह की घटना है. सुप्रीम कोर्ट से पहले निचली अदालत और हाई कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सज़ा दी थी.
निचली अदालत ने मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को मौत की सज़ा सुनाई थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद 27 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चारों दोषियों को रियायत नहीं दी जा सकती.
इस मामले में कुल 6 लोग आरोपी थे. कौन हैं वह 6 दोषी जिन्होंने 16 दिसंबर, 2012 की रात वहशीपन की सारी हदें पार कर दी थीं. कौन हैं वह दरिंदे जिन्होंने पैरामेडिकल की छात्रा निर्भया को अपनी हवस का शिकार बनाया और जिनकी वजह से आज निर्भया हमारे बीच नहीं है. जानते हैं, निर्भया के सभी दोषियों के बारे में:
राम सिंह- राम सिंह (32) पेशे से बस ड्राइवर था. जिस चलती बस में निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ, उस बस को राम सिंह ही चला रहा था. राम सिंह इस वारदात का मुख्य आरोपी था. राम सिंह ने गैंगरेप करने के साथ ही निर्भया और उसके दोस्त को लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा था. घटना के महज कुछ घंटों बाद पुलिस ने राम सिंह को गिरफ्तार कर लिया था. 11 मार्च, 2013 को राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी.
मुकेश सिंह- मुकेश (32) बस का क्लीनर था. जिस रात बस में गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह भी बस में सवार था. गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था. मुकेश सिंह अभी तिहाड़ जेल में बंद है.
विनय शर्मा- विनय (26) पेशे से फिटनेस ट्रेनर था. जब इसके पांच अन्य साथी निर्भया के साथ गैंगरेप कर रहे थे तो यह बस चला रहा था. अन्य दोषियों के साथ विनय तिहाड़ जेल में कैद है और वह यूनिवर्सिटी परीक्षा की तैयारी कर रहा है. विनय ने पिछले साल जेल के भीतर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन वह बच गया.
पवन गुप्ता- पवन गुप्ता (24) दिल्ली में फल बेचने का काम करता था. 16 दिसंबर को गैंगरेप के समय यह भी अपने दोस्तों के साथ उस बस में मौजूद था. फिलहाल पवन गुप्ता भी तिहाड़ जेल नंबर दो में अन्य दोषियों के साथ बंद है. पवन भी जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है.
अक्षय ठाकुर- बिहार का रहने वाला अक्षय ठाकुर (33) अपनी पढ़ाई छोड़कर घर से भागकर दिल्ली आ गया था. यहां उसकी दोस्ती राम सिंह से हुई थी. राम सिंह के सहारे वह फल बेचने वाले पवन गुप्ता से भी घुल-मिल गया था. तिहाड़ जेल में कैद अक्षय ठाकुर ने जेल में अपनी जान को खतरा बताया था. जिसके बाद इसकी सुरक्षा को और ज्यादा चाक-चौबंद कर दिया गया.
नाबालिग दोषी- गैंगरेप का छठा आरोपी एक नाबालिग है. इसी शख्स ने निर्भया को बस में चढ़ने का आग्रह किया था. घटना के वक्त वह नाबालिग था. नतीजतन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल की अधिकतम सजा के साथ उसे सुधार केंद्र में भेजा था. दिसंबर, 2015 में सजा पूरी करने के बाद उसे रिहा कर दिया गया. दावा है कि गैंगरेप के दौरान निर्भया से सबसे ज्यादा दरिंदगी इसी नाबालिग ने की थी.
केस स्टेटसः सभी 6 आरोपियों के खिलाफ बलात्कार, अपहरण और हत्या का मामला दर्ज हुआ. फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चला. 13 सितंबर, 2013 को चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई और नाबालिग को तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र में भेज दिया गया. 13 मार्च, 2014 को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा. 5 मई, 2017 यानी शुक्रवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा.