एम4पीन्यूज|
देश में वीवीआईपी कल्चर को ख़त्म करने के लिए नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस फैसले के बाद शान समझी जाने वाली लालबत्ती वाहनों पर लगाने का अधिकार किसी के पास नहीं होगा। देश में सिर्फ पांच लोग के वाहनों पर लाल बत्ती लगा सकेंगे। इन पांच लोगों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर शामिल हों। हालांकि प्रधानमंत्री ने किसी को भी छूट देने से इनकार कर दिया। सरकार के इस फैसले के बाद नितिन गडकरी ने अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटा ली। उन्होंने कहा कि सिर्फ इमरजेंसी सर्विसेस के लिए ही लाल बत्ती का विकल्प दिया गया है।
दरअसल, वीआईपी और वीवीआईपी कल्चर को खत्म करने के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बड़ा फैसला लिया है। मोदी कैबिनेट ने कहा है कि आगामी 1 मई से देश में आपातकालीन सेवा को छोड़कर कोई भी लालबत्ती लगे वाहनों का प्रयोग नहीं कर सकेगा। इसके तहत गाड़ियों में लाल बत्ती के इस्तेमाल पर एक मई से रोक होगी। कोई भी व्यक्ति या गाड़ी लाल बत्ती नही लगाएंगे। इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव होगा।
अब सिर्फ आपातकालीन सेवाओं के लिए नीली बत्ती
केंद्र और राज्य सरकारों को फ्लैशर के साथ नीली बत्ती के इस्तेमाल की इजाजत देने वाले कानून में भी बदलाव कर दिया गया है। अब केवल परिभाषित आपातकालीन सेवाओं को ही फ्लैशर के साथ नीली बत्ती लगाने की इजाजत होगी।
यूपी और पंजाब में पहले से लागू है नियम
मोदी कैबिनेट की इस सिफारिश से पहले दो राज्यों उत्तर प्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ और कैप्टन अमरिंदर सिंह एक सप्ताह पहले ही सूबे में किसी भी सरकारी वाहनों पर लालबत्ती नहीं लगाने का आदेश जारी कर चुके हैं।
गौरतलब है की मोदी सरकार ने सत्ता में आने के साथ ही कहा था कि उनकी सरकार गरीबों की सरकार है। इतना ही नहीं कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से वीआईपी कल्चर को खत्म करने की वकालत भी की है। इसी के मद्देनजर कई राज्यों की सरकारों ने अपने नेताओं को लालबत्ती से दूर रहने की हिदायत दी थी।