एम4पीन्यूज,चंडीगढ़|
पंजाब यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ौतरी का मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को एक बार फिर प्रोटेस्ट कर रहे स्टूडेंट्स और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। इस दौरान पी.यू. में तनाव का माहौल पैदा हो गया। स्टूडेंट्स फॉर सोसायटी, सोई, एन.एस.यू.आई., पी.एस.यू. सहित आठ संगठनों वाली ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सैकड़ों स्टूडेंट्स ने पंजाब यूनिवर्सिटी में वी.सी. आफिस के बाहर जमकर हंगामा किया। विरोध कर रहे स्टूडेंट्स ने बैरिकेड्स तोड़ दिए जिसके बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए उन्हें खदेडऩे के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। जवाब में स्टूडेंट्स ने पत्थर बरसाए खबर है कि इस पत्थरबाजी में पुलिस की कई गाडिय़ां टूट गई है। पुलिस को स्टूडेंट्स को रोकने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान कई स्टूडेंट्स और पुलिस वालों की जख्मी होने की खबर है।
इस बात पर भड़के स्टूडेंट्स :
इन स्टूडेंट्स को वी.सी. द्वारा बातचीत करने का आश्वासन दिया गया था। जब काफी देर तक इन्हें बुलाया गया तो वे बैरिकेड तोड़ कर अंदर घुस गए। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने स्टूडेंट्स को वाटर कैनन से तितर-बितर करने की कोशिश भी की। वाटर कैनन के इस्तेमाल से भड़के स्टूडेंट्स ने पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए जिस पर पुलिस ने स्टूडेंट्स पर आंसू गैस के गोले फैंके और लाठीचार्ज किया। बावजूद इसके स्टूडेंट्स वहीं डटे रहे।
स्टूडेंट्स का आरोप है कि फीस बढऩे के बाद हमारे बाद आने वाले हमारे भाई-बहनों के लिए पढऩा संभव नहीं होगा। फीस बढऩे के बाद बच्चों को यह टेंशन रहेगी कि उनकी डिग्री पूरी नहीं हो सकेगी। ऐसे ही स्टूडेंट्स से बात करके उनकी चिंताओं से वाकिफ हुए हम। यूनिवर्सिटी का अतिरिक्त स्कॉलरशिप देने वाला मॉडल भी महंगा ही होने वाला है। गरीब बच्चों का इसका नुकसान होगा। सोई का कहना है कि फीस ऐसे ही बढ़ती रही तो ग्रामीण स्टूडेंट्स का पढऩा संभव ही नहीं रहेगा।
वीसी ने दिया बातचीत का आश्वासन :
इन स्टूडेंट्स को वीसी द्वारा बातचीत करने का आश्वासन दिया गया था। जब काफी देर तक इन्हें बुलाया गया तो वे बैरिकेड तोड़ कर अंदर घुस गए। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने स्टूडेंट्स को वाटर कैनन से तितर-बितर करने की कोशिश भी की। वाटर कैनन के इस्तेमाल से भड़के स्टूडेंट्स ने पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए जिस पर पुलिस ने स्टूडेंट्स पर आसू गैस के गोले फैंके और लाठीचार्ज किया। इस बीच भगदड़ और लाठीचार्ज में कुछ मीडिया कर्मियों को भी चोटें आईं हैं। बढ़ी हुई फीस की दर मौजूदा स्टूडेंट्स पर लागू नहीं होती लेकिन फिर भी वह प्रोटेस्ट में भाग ले रहे हैं।