एम4पीन्यूज।
अगर आज की तारीख में कोई रियल एस्टेट दफ्तर में जाता है और आर.इ.आर.ए. के तहत अपनी शिकायत देने जाता है तो वहां कोई भी आपकी बात सुनने या समझने के लिए मौजूद नहीं है। लोग आपको के.के. जनरल के पास भेजेंगे जब आप उनसे बात करेंगे तो वो कहेंगे कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। 9 साल से पार्लियामेंट में लगातार बहस के बाद रियल एस्टेट रैगुलेशन एक्ट को कानून मंजूरी दे दी गई। जिसके बाद 1 मई 2017 से इस कानून को पूरे देश पर लागू कर दिया गया है। जिसके तहत अब हर एक प्रॉपर्टी डीलर को खुद को अपने आपको प्रशासन को रजिस्टर करवाना होगा।
9 साल के लंबे समय के बाद पाॢलयामैंट ने रियल एस्टेट रैगुलेशन एक्ट (आर.ई.आर.ए.) को मंजूरी दे दी गई लेकिन ऐसी मंजूरी ऐसे कानून का क्या फायदा जो जिसके लिए बना हो उसे उस तक पहुंचाया ही न जाए। इस कानून की आस लगाए बैठे लोग अब अगर प्रशासन के पास शिकायत लेकर जाएं लेकिन वहां कोई शिकायत सुनने को तैयार न हो तो ऐसे कानून की क्या जरूरत ये कहना है प्रशासक वी.पी. बदनौर को लिखे अपने पत्र में बर्निंग ब्रेन नामक संस्था के संचालक और हाईकोर्ट के वकील अजय जग्गा का। अजय ने प्रशासक को पत्र लिख कर बताया है कि कैसे बिना किसी तरह के तय खाखें के चंडीगढ़ के रियल एस्टेट दफ्तर में कानून का मजाक बनाया जा रहा है।
नवम्बर 2016 में तैयार हो गया था ड्राफ्ट
इस कानून को लागू करने के लिए जिन बातों का ध्यान रखना था उनका ड्राफ्ट हरियाणा में अब तैयार किया गया है लेकिन चंडीगढ़ में यही रूल नवम्बर 2016 में बना के नोटिफाई भी कर दिया गया था। जिसके बाद इसके लिए सैक्रेटरी हाऊसिंग को अथॉरिटी भी बना दिया गया था।
अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
अजय के मुताबिक इस वक्त रियल एस्टेट दफ्तर में कोई भी अधिकारी इस हाल में भी नहीं कि इस कानों की बारीकियों के बारे में बता सके ऐसे में कानून के मुताबिक जो आम लोग अपनी शिकायतें लेकर यहां पहुंचेंगे उनके सामने तो अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया है।
नहीं होनी चाहिए विज्ञापन की इजाजत
अजय ने अपने पत्र में लिखा है कि किसी भी डीलर को प्रॉपर्टी बेचने या खरीदने को लेकर कोई भी विज्ञापन डालने की परमिशन नहीं मिलनी चाहिए। ताकि आम जन उनके धोके का शिकार न हो।
तैयार हो एक कारगर ढांचा
आर.इ.आर.ए. के तहत लोगों से शिकायत लेने उनका निपटारा करने और अंतिम फैसला सुनाने के लिए एक खास तरह का कार्यगर ढांचा तैयार कर लेना चाहिए, ताकि उन्हें इंसाफ के लिए धक्के न खाने पड़ें।
अब तक रजिस्टर नहीं हुए डीलर
अगर कोई डीलर प्रशासन के पास खुद को प्रॉपर्टी डीलर के मुताबिक रजिस्टर नहीं करता है तो उससे ली गई जमीन पर या किसी भी तरह की डील पर यह कानून लागू नहीं होता है। ऐसे में जहां अब तक दफ्तर के अधिकारी इस कानून से ही दूर नजर आ रहे हैं किसी डीलर ने खुद को रजिस्टर करवाया होगा ये मुश्किल ही लगता है।