एम4पीन्यूज,चंडीगढ़|
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को टाटा कैमलॉट हाउसिंग प्रोजेक्ट पर फैसला सुनाते हुए टाटा हाउसिंग को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने हाउसिंग प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी तथा न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने कहा कि इस परियोजना के लिए मंजूरी को रद्द किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सुखना झील के कैचमेंट एरिया में पड़ता है। ऐसे में वहां आवासीय परियोजना को मंजूरी नहीं दी जा सकती। हाईकोर्ट के फैसले ने इस परियोजना को खतरे में डाल दिया है।
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला के एक पीठ ने पंजाब सरकार और नायगाव गांव पंचायत द्वारा इस परियोजना को दी गई मंजूरी को रद्द कर दिया और कहा कि यह पर्यावरण और शहर नियोजन कानूनों, नियमों और विनियमों के अनुरूप नहीं है।
इससे पहले बेंच ने 9 अक्टूबर, 2015 को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। उच्च न्यायालय ने यह आदेश अधिवक्ता आलोक जग्गा की याचिका पर दिया है। याचिका में सुखना झील के पास टाटा की आवासीय परियोजना को विभिन्न विभागों द्वारा दी गई मंजूरियों को रद्द करने की अपील की गई थी।